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Tories plotting Theresa May’s ouster: Reports – Times of India

H R Khan Adv
New Delhi ·
किसी भी क़ौम के रौशन या तारीक़ मुस्तक़बिल के लिए सीधे-सीधे उस की तहज़ीब-व-तमद्दुन और मुआशरा जिम्मेदार होता है, जब तहज़ीब अच्छी, मुआशरा साफ़ सुथरा होता है तो जुनेद बगदादी, मुइनुद्दीन चिश्ती, शैख़ सादी, अब्दुल कलाम, शिब्ली नुमानी, अल्लामा इक़बाल जैसे लोगों के नक्से क़दम पर चलने वाले लोग पैदा होते हैं, जब तहज़ीब अच्छी और मुआशरा साफ़ सुथरा नहीं रह जाता, तो वो क़ौम उर्यानिअत और फाहशी में डूब जाती है, न बड़ों का एहतराम बाक़ी रह जाता है और न छोटों का लेहाज,न कोई रिश्ता अहमियत रखता है और न रिश्तों में सच्ची मुहब्बत बाक़ी रह जाती है, सब कुछ बस मतलब और दिखावे के लिए ही रह जाता है तब उस क़ौम में चिश्ती या कलाम नहीं बल्कि रुश्दी या तस्लीमा जैसे क़ौम-व-मिल्लत के दुश्मन पैदा होते हैं और दीन छोड़ कर दुनिया ही को मकसद बना लेना आम हो जाता है, अब सवाल ये है की मुआशरा और तहज़ीब को सेहतमंद बनाने के लिए क्या क़दम उठाया जाए तो इसके लिए सबसे आसान तरीक़ा ये है की हम अपने बच्चों को ऐसी तालीम वो तरबियत दें की न वो दीन से दूर जाने पाए और न दुनिया की दौड़ में पिछड़ने पाए चिश्ती, सादी, नुमानी न बने न सही, कम से कम रुश्दी या तस्लीमा न बनने पाए और ये तभी मुमकिन है जब हम अपने बच्चों को कम से कम प्रायमरी तक मदरसों के हवाले कर दें।
आप बच्चों को डॉक्टर इंजीनियर तो बनाइये मगर उन की ज़िन्दगी में दीन बाक़ी रख कर वरना मेरा खुद का मुशाहदा है की माँ बाप अपने डॉक्टर इंजीनियर बेटे से दबते हैं, की बेटा नाराज़ न हो जाए,दूसरी तरफ मुफ़्ती मौलवी हाफिज बेटा इस फ़िक्र में रहता है की कही मेरे किसी काम से माँ बाप नाराज़ न हो जाएं,ज़रूरी नहीं की सारे मुफ़्ती आलिम या हाफिज ही बनें, क़ौम को डॉक्टर इंजीनियर वकील आईएएस पीसीएस की भी ज़रूरत है, आप अपने बच्चों को ये सब बनाएं मगर दीन को छोड़ कर नहीं बल्कि दीन को भी साथ ले कर
उम्मीद है आप हज़रात मेरे मशवरे पर जरूर गौर करेंगे
जज़कअल्लाह खैर
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#राशिद_आज़मी✒✒
Rashid Azmi